ख्यालों में तुमको,साथ मैं देखता हूँ,
कहो न कहो, दिल में कुछ बात होगी.
सवालों में तुम हो, जवाबों में तुम ही,
दिखे न दिखे , दिल में एक आग होगी.
केशुओं में तेरे , भीनी सी खुशबू,
कहती है जैसे, आज कुछ बात होगी.
आंखों में तेरे, जो चमकते सितारे,
कहते हैं मुझसे, आज एक रात होगी.
सावन की बदली , तेरी यह जुल्फें,
जाने न जाने कब बरसात होगी.
मुझे चाहती हो , कहना है मुश्किल,
जाने हसीं कब यह कायनात होगी.
होठों से दिल की कहते हो रुकते,
कब दिल की दिल से मुलाक़ात होगी॥
These blogs r fondest of my words, closest to my bosom, deeply enriched with the outcomes of an introspective sojourn.... The panoramic view of sinusoidal life and its adornments ....
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