Sunday, October 18, 2020

वर्षा

यह वर्षा बीतेगी
घोंसले फिर से बनेंगे
संघर्ष की बाढ़ में
संकल्प की नांव ले
आने वाला कल अच्छा होगा।



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मेरी माँ

भोजन टेबल पर रखा जा चुका था। नजर उठा कर देखा तो माँ सामने खड़ी थी। सूती साड़ी में लिपटी वह सादगी की प्रतिमूर्ति , चेहरा सर्द बर्फ की तरह शां...