Monday, July 13, 2020

राम ....

काल रथ पर सत्य करता जब आरोहण, कल्याण एवं मुक्ति बनते ध्येय पावन, शक्ति की प्रत्यंचा पर संयम सुशोभन, राम प्रभु को देख करते दिग्पाल वंदन।

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मेरी माँ

भोजन टेबल पर रखा जा चुका था। नजर उठा कर देखा तो माँ सामने खड़ी थी। सूती साड़ी में लिपटी वह सादगी की प्रतिमूर्ति , चेहरा सर्द बर्फ की तरह शां...