Saturday, July 15, 2023

महादेवी जी की जयंती

वह समर्पित प्रेम, वह तिलांजलि स्वयं की,

मानो वेदना के गीत में चेतना संगीत सी।
प्राण के उद्गीथ में ज्यों नाम के मनके जुड़े,
साधना से प्रेम में ज्यों विरह घुल घुल आ मिले।
सूक्ष्म में जब स्थूल सारा, जल उठे, आहूत हो,
उस दिवस कविता की कोई महादेवी अनुभूत हो।
महादेवी जी की जयंती पर नमन।



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