सामाजिक जटिलताओं को क्या हम किसी किताब या कक्षा में पढ़ सकते हैं? अनेकों लोगों के असंख्य विचार व्यूह में प्रबंधन और नेतृत्व क्या अनुभव के बिना संभव है? क्या जिसने किताबें कम पढ़ी उसने जीवन को कम पढ़ा?
ऐसा लगता है, जीवन सबसे बड़ी किताब है। हर पन्ने के बाद एक और नया पन्ना, और सभी के लिए अलग अलग। क्या अनुभव बहुत बड़ी योग्यता है, यदि हाँ तो क्या उसे अकादमिक मान्यताओं की परिभाषा में व्यक्त करने का कोई परिमाण कहीं बना है?
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