Sunday, July 16, 2023

सृजन का जलजात जीवन।

कीच से भी खींच पोषण, 

सहज, सौम्य स्वरुप जीवन।

नित्य गढ़ता पुष्प अभिनव, 

सृजन का जलजात जीवन। 


इंद्रधनुषी रंग ले कर, 

उत्सर्ग और आनंद ले कर। 

पल्लवन में प्राण भरता, 

सृजन का जलजात जीवन। 


बीच रह कर जंतुओं के, 

आकंठ डूब जल तंतुओं में। 

देखो सजाता अतुल अनुपम, 

सृजन का जलजात जीवन।  


ना हीं माँगा दीर्घ जीवन, 

ना कभी यह अजर यौवन। 

उत्सर्ग पथ का पथिक है यह, 

सृजन का जलजात जीवन।  




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