Saturday, September 5, 2020

सीखो

सीख सको,सीखो वृक्षों से,
जड़ें बाँध कर उठ जाना।
नदिया की धारा से सीखो,
मीलों मील चले जाना।
सीखो नभ के तारागण से,
अनुशासन में बंध जीना।
सीखो शिक्षक की कक्षा से,
दो दो पीढ़ी को गढ़ जाना।
शिक्षक दिवस की शुभकामनायें।



आशा की तूलिका

चलो यह बस्ते, यह बोझ फेंकते हैं,
छू कर क्षितिज से कुछ कुछ पूछते हैं।
आशा की तूलिका में रंग नए लपेटे,
जीवन पटल को सुनहला कर देते हैं।




Tuesday, September 1, 2020

नन्हीं सी नैया

समंदर सी दुनिया में, छोटी सी नैया,
न पतवार कोई, न कोई खेवैया।
धारा और हवा ने दिशा एक दी है,
यात्रा समय की अजब जीवनी है।
कभी यह बढ़ा दे, कभी डगमगा दे,
धीमे से कभी कोई गीत गुनगुना दे।
गहरा है सागर, भंवर है, लहर है,
समय का है पहिया, नन्हीं सी नैया।




पथिक राष्ट्र का

आसेतु हिमाचल
अविरल, अविचल
ग्राम - नगर - गिरि
वन वन निश्छल।

पथिक राष्ट्र का बढ़ता
अनथक , उज्जवल।
सर्व समर्पित समय वेदि पर
तन,मन, धन और जीवन प्रज्वल।



क्या रहता, क्या खो जाता है?

सागर सदृश जीवन में उत्तुंग तरंगें स्मृतियों की जब कूल तोड़ कर बढ़ती हों कुछ बह जाता, कुछ रह जाता है। कितने मेरे थे, कितनों का मैं, पर काल बिंद...