अभिलाषा का बिंदु नहीं,
मैं जीवन का हस्ताक्षर हूँ।
रूप रंग के कोलाहल में,
जीवन का मैं संवाहक हूँ।
These blogs r fondest of my words, closest to my bosom, deeply enriched with the outcomes of an introspective sojourn.... The panoramic view of sinusoidal life and its adornments ....
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मेरी माँ
भोजन टेबल पर रखा जा चुका था। नजर उठा कर देखा तो माँ सामने खड़ी थी। सूती साड़ी में लिपटी वह सादगी की प्रतिमूर्ति , चेहरा सर्द बर्फ की तरह शां...

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Bol Bam - A journey of faith and surrender. (Sultanganj to Deoghar)- Shravan , 2011 It was raining heavily in Kolkata. The streets were ...
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मैं तम की कालिमा में तड़पता था, ह्रदय भर अंधकार पर बिगड़ता था। प्रकृति के नियमों को कोसता था, बनाया अन्धकार क्यों सोचता था ! थके हारे मैंन...
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कहते हैं : कोई भी व्यक्ति आपके पास तीन कारणों से आता है ! भाव से,अभाव से या प्रभाव से । किसी के अभाव को उजागर न होने दें। भगवान कृष्ण क...
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