Sunday, July 13, 2008

The night n the moon........

पलकों ने ली साँसे,
और दिल ने ली अंगडाई.
आज रात के सन्नाटे में ,
चांदनी जैसे छाई.

चाँद, हो मय का प्याला,
और चांदनी जैसे मय हो.
हाथों में ले सागर जैसे,
रात ही आप खड़ी हो.

मयकश हो गर जानी ,
तोह हाथ बढाओ आगे.
जाने दो इस दुनिया को,
जहाँ जहाँ ये भागे.

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