Friday, July 17, 2020

सांझ

रात के चौखट पर खड़ी सांझ के,
कुछ अनमने अटपटे से सवाल हैं।
दबे होठों दिन का हिसाब पूछती,
अपनी सांझ भी कुछ बेहिसाब है।


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