Saturday, July 15, 2023

विश्वास

विश्वास एक अद्भुत शक्ति है। जो इस शक्ति को साध चुके हैं वही इसका आनंद जानते हैं। उन्हें जिन्हे विश्वास है कि हर अन्धकार के बाद उजाला है, जो यह जानते हैं कि संघर्ष विश्वास से जीते जाते हैं, जिन्हे अनुभव है कि चाहे त्याग हो या भोग दोनों विश्वास से ही संभव हैं।

महाभारत के उपरांत, विश्वास से पूर्ण ऋषि शौनक 88 हजार ऋषियों को भारत पुनर्निर्माण के लिए तैयार कर सकते हैं। विश्व विजय का विश्वास लिए यवनों के रथ को कोई विश्वासी चाणक्य भारत में धराशायी कर देता है। विश्वास से भरे आदि शंकर, वैचारिकता की सहस्त्र धारा में बंटे पूरे भारत को एक सूत्र में बाँध सकते हैं।
स्मरण रहे, आक्रांताओं ने भी विश्वास के प्रयोग से ही विरोधी विश्वासों के अधूरे प्रयोगकर्ताओं को विश्व भर में समतल किया है, लेकिन भारत में उन्हे वह सफलता पूरी नहीं मिली।
विश्व के संघर्षों, निर्माण, विध्वंस के मूल में विश्वास है। विश्वास का अधूरापन कहीं का नहीं रहने देगा। ध्यान रहे विध्वंसकर्ताओं को, भोगियों को, आक्रांताओं को विश्वास की शक्ति सहजता से मिलती है। चिंतकों, विचारकों, त्यागियों को ही इस मार्ग में अग्नि परीक्षाएं देनी होती हैं।





No comments:

क्या रहता, क्या खो जाता है?

सागर सदृश जीवन में उत्तुंग तरंगें स्मृतियों की जब कूल तोड़ कर बढ़ती हों कुछ बह जाता, कुछ रह जाता है। कितने मेरे थे, कितनों का मैं, पर काल बिंद...