Thursday, July 20, 2023

उडते रहो।

स्वामी जी कह रहे थे कि आत्मा, उस परमात्मा का अनंत प्रवाह है। उसमें जैसा अहम् जोड देंगे वैसा ही जीव तैयार हो जाएगा। और यह अहम् एक लंबे कर्म पथ की यात्रा का मोड है, जहां से चले थे वहीं लौटने की यात्रा का।


उडते रहो।




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