Saturday, July 15, 2023

नभ बरसे

आज नभ बरसे हैं आलि

तृषित तन मन कुछ भरा
कुछ कहीं संगीत बजता
श्रृंगारमय पुलकित धरा।
आज मन के कोर में
कोर के किसी छोर में
प्रत्याशा के स्त्रोत निःसृत
पथिक मन फिर चल पडा।





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