Saturday, July 15, 2023

झंझावात

झंझावातों के बाद की शान्ति गहरी होती है। जितने हलके पत्ते, टहनियां होती हैं वह धराशायी हो चुकी होती हैं। जो बचा रहता है वह भी कोई अजरता का बोध लिए नहीं रहता, परन्तु उसका सौभाग्य।

इस शान्ति में एक संगीत होता है, श्रांत और पूर्णतः समय के उस पल से जुड़ा। जिसमें न आगे न पीछे, कुछ भी देखने की प्रेरणा नहीं रहती। समझो जैसे पूरे जीवन के रहस्य की गठरी खुली हो और ........



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